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Justin Trudeau का खुलासा, भारत के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं, विदेश मंत्रालय ने दिया करारा जवाब

कनाडा के प्रधानमंत्री Justin Trudeau अब अपनी ही बयानबाजी में उलझते नज़र आ रहे हैं। हाल ही में उन्होंने जांच आयोग के समक्ष गवाही देते हुए यह स्वीकार किया कि अब तक भारत के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं किए गए हैं। जबकि भारत लगातार इस मामले में सबूत की मांग कर रहा है। ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संलिप्त होने का गंभीर आरोप लगाया था, लेकिन अब वह खुद अपनी बातों से पीछे हटते नज़र आ रहे हैं।

भारत के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं: ट्रूडो का कबूलनामा

बुधवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जांच आयोग के समक्ष पहुंचे और बयान दिया कि भारत द्वारा सबूत की मांग के बावजूद अब तक केवल खुफिया जानकारी दी गई है, कोई ठोस सबूत नहीं। उन्होंने कहा, “हमारे पास इस घटना से जुड़ी कुछ खुफिया जानकारी थी, जिसे हमने साझा किया, लेकिन अभी तक कोई ठोस प्रमाण भारत को नहीं दिया जा सका है।”

विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया

ट्रूडो के इस बयान पर भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रिया आई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा, “आज जो हम सुन रहे हैं, वह केवल वही है जो हम शुरू से ही कह रहे थे। कनाडा ने भारत और भारतीय राजनयिकों पर गंभीर आरोप लगाए, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार का ठोस सबूत पेश नहीं किया है।”

भारत-कनाडा संबंधों में तनाव

भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में खटास तब आई जब जून 2023 में कनाडा के सरे इलाके में एक गुरुद्वारा साहिब के बाहर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई। इसके बाद, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सीधे तौर पर भारत पर हत्या में संलिप्तता का आरोप लगाते हुए संसद में यह बात कही थी। इस आरोप के बाद भारत ने कनाडा के साथ राजनयिक संबंधों में सख्त रुख अपनाया और कई कनाडाई राजनयिकों को देश से निकाल दिया।

Justin Trudeau का खुलासा, भारत के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं, विदेश मंत्रालय ने दिया करारा जवाब

कनाडा के आरोपों का भारत ने शुरू से ही विरोध किया और इस मामले में ठोस सबूत की मांग की। भारत ने कहा कि इस तरह के गंभीर आरोप बिना किसी आधार के नहीं लगाए जा सकते और कनाडा को अपने दावे की पुष्टि के लिए प्रमाण पेश करने चाहिए।

खुफिया जानकारी, पर कोई ठोस प्रमाण नहीं

जस्टिन ट्रूडो ने अपनी गवाही में इस बात को भी स्पष्ट किया कि भारत की ओर से बार-बार सबूत की मांग की जा रही थी, लेकिन कनाडा के पास केवल खुफिया जानकारी थी। उन्होंने कहा कि जब भारत ने सबूत की मांग की, तो हमारा जवाब यह था कि यह जानकारी आपकी सुरक्षा एजेंसी के पास होनी चाहिए। लेकिन हम खुद कोई ठोस प्रमाण नहीं दे पाए।

कैसे बिगड़े रिश्ते?

हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद ट्रूडो द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ गया। कनाडा ने भारत के उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों पर शक जताया और फिर भारत ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कनाडा के राजनयिकों को वापस भेज दिया। दोनों देशों के बीच इस घटना के बाद राजनयिक संबंध काफी हद तक प्रभावित हुए।

भारत की ओर से बार-बार यह कहा गया कि बिना ठोस सबूत के ऐसे गंभीर आरोप नहीं लगाए जा सकते। ट्रूडो द्वारा किए गए ताज़ा खुलासे से साफ है कि कनाडा के पास भारत के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं। इस मामले में अब तक केवल खुफिया जानकारी पर ही काम किया जा रहा था।

विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो के बयान को भारत के रुख की पुष्टि माना

भारत के विदेश मंत्रालय ने जस्टिन ट्रूडो के इस बयान को अपने रुख की पुष्टि माना है। प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा, “ट्रूडो का ताज़ा बयान यह साबित करता है कि भारत के खिलाफ कनाडा द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के पीछे कोई ठोस प्रमाण नहीं है। इससे यह साफ हो गया है कि कनाडा ने इस मामले को बिना किसी मजबूत आधार के उठाया।”

क्या है आगे की राह?

दोनों देशों के बीच इस घटना के बाद संबंधों में सुधार की संभावनाएं कम ही दिख रही हैं। जब तक कनाडा इस मामले में ठोस सबूत नहीं पेश करता, भारत की ओर से कड़ा रुख जारी रहेगा। वहीं, ट्रूडो के बयान ने कनाडा के दावों की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना होगा कि कनाडा अपने आरोपों को किस तरह से सुलझाने की कोशिश करता है और भारत के साथ अपने संबंधों को कैसे सुधारता है।

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से उपजे इस विवाद ने दोनों देशों के बीच राजनीतिक और राजनयिक संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है। अब जब ट्रूडो खुद इस मामले में सबूतों की कमी की बात स्वीकार कर चुके हैं, यह विवाद कैसे हल होता है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

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